Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई आर.जी. कर कांड के संबंध में की गई है। घटना के बाद संदीप ने प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था।
कोलकाता। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई ने शुक्रवार दोपहर कोलकाता की सड़क से उठा कर सीजीओ कॉम्प्लेक्स ले गई।
बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई आर.जी. कर कांड के संबंध में की गई है। घटना के बाद संदीप ने प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, इस्तीफे के मात्र चार घंटे के भीतर उन्हें नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया। इस नियुक्ति के खिलाफ वहां के छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे पहले ही संदीप के पद पर विवाद हो चुका था। छात्रों ने उनके प्रिंसिपल कक्ष को ताला भी लगा दिया था, जिसके बाद संदीप को कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर अनिश्चितकालीन अवकाश पर जाना पड़ा।
हाई कोर्ट ने आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक और छात्रा के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना पर कड़ी नाराजगी जताई थी। मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने सवाल उठाया था कि घटना के बाद अस्पताल के सुपरिटेंडेंट और प्रिंसिपल ने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की।
शुक्रवार को संदीप घोष ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने उच्च न्यायालय से अपनी याचिका पर त्वरित सुनवाई की गुहार लगाई, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी और सोमवार को पुनः याचिका दायर करने का निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि संदीप घोष पर शव को गायब करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। 2023 में इस मामले को आर.जी. कर अस्पताल के एक चिकित्सक ने उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया था। इससे पहले भी संदीप को कई बार आर.जी. कर से स्थानांतरित किया गया था। उन्होंने 2021 में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का पद संभाला था, इससे पहले वे नेशनल मेडिकल कॉलेज में कार्यरत थे। हालांकि, संदीप को 48 घंटों के भीतर ही मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन वह जल्द ही अपने पूर्व पद पर वापस लौट आए। पिछले साल सितंबर में भी उनका स्थानांतरण हुआ था, लेकिन एक महीने के भीतर ही वह फिर से आर.जी. कर के प्रिंसिपल पद पर बहाल हो गए थे।